समय का महत्व

                                      जब हम स्कूल में थे तब हमें हमारे शिक्षक हमें समय  का महत्व बताया करते थे। हर कोई समय का महत्व जानता है पर उस पर चल नहीं सकता ऐसा क्यों होता है क्योंकि हम वास्तविकता को स्वीकारना नहीं चाहते जो कार्य जिस समय पर होता है वही समय पर होना चाहिए।

                                     जो व्यक्ति समय का महत्व नहीं समझता उसे अवश्य ही परेशानी का सामना करना पड़ता है। समय कभी भी वर्तमान में अपना प्रभाव नहीं बताता परंतु भविष्य में ही उसका प्रभाव मालूम पड़ता है और बाद में हमें पछतावा होता है कि अगर हम समय के महत्व को जान गए होते तो आज ऐसा ना होता।

                                     तो अगर  यह निश्चित ही है कि हम अगर समय के महत्व को नहीं पहचानेंगे तो बाद में हमें पछताना पड़ेगा तो क्यों हम समय का योग्य रुप से पालन नहीं करते।

                                     समय का इंतजार मत करें, समय कभी नहीं आएगा जो कार्य करना है वह कार्य हमें योग्य समय पर करना ही पड़ेगा।

                                     याद कीजिए अपने बचपन के समय को आप कैसे खेला करते थे मौज मस्ती किया करते थे क्या आज वही मौज मस्ती हो सकती है क्या? क्या आज वही शरारतें हम कर सकते हैं क्या? जो  समय गया वह गया अब उसके बारे में रोना उचित नहीं होगा इसलिए कर्म करो।

                                     एक बहुत ही प्रसिद्ध उदाहरण आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूं। महाभारत के युद्ध के बाद अर्जुन को अपने शक्ति पर बहुत बड़ा अभिमान आ चुका था। जब वह जंगल में भ्रमण कर रहा था तब उसे जंगल के आदिवासियों ने बंदी बना लिया और अर्जुन अपना गांडीव होते हुए भी कुछ नहीं कर सका।

                                     तो कहने का तात्पर्य यही है मनुष्य कभी बलवान नहीं होता समय मनुष्य से ज्यादा बलवान होता है अगर हम समय की कदर नहीं करेंगे तो समय भी हमारी कदर नहीं करेगा।

                                     समय कभी भी दिखाई नहीं देता है बल्कि हमें बहुत कुछ  दिखा जाता है। तो मनुष्य को  हमेशा कुछ रचनात्मक कार्य करते रहना चाहिए समय की राह नहीं देखनी चाहिए। 

                                     तो आज से तय करें कि हमेशा योग्य समय पर हर एक कार्य करेंगे और समय की राह बिल्कुल  नहीं देखेंगे।

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